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मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) उर्दू जुबां के बड़े शायर थे।

मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) का बीती रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) ने बीती रात 14 जनवरी को लखनऊ के SGPमुन्नवर राणा (Munawwar Rana) मुन्नवर राणा का बीते दो हफ्ते से इलाज चल रहा था। मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) को गले का कैंसर था। मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) को मां पर सबसे ज्यादा शेर लिखने के लिए जाना जाता है। मुन्नवर राणा का सबसे चर्चित शेर था कि,

“किसी के हिस्से में मकां आया, किसी के दुकां आई,
मैं घर में छोटा था मेरे हिस्से में मां आई।”

मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) के चाहने वाले दुनिया भर में फैले हुए हैं। मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) हिंदुस्तान के मशहूर उर्दू शायरों में एक थे। किसी भी तरह का कवि सम्मेलन/मुशायरा बिना मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) की नज्म, शेर के बिना अधूरा रहता था। मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) के शेरों,नज्मों में मां,मां के आंचल, बेटियां जैसे शब्दों का जाल होता था। जो सुनने वाले को अपनी रजामंदी तालियों में बदलने पर मजबूर कर देता था। मुन्नवर राणा (Munawwar Rana)  अपने परिवार में अपनी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटे को पीछे छोड़ गए हैं। मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) की बेटी सोमैया के अनुसार, उन्हें सोमवार को उनकी वसीयत के अनुसार लखनऊ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) का जन्म

मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) का जन्म उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में 26 नवंबर 1952 को हुआ था। मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) के पिता का नाम अनवर राणा और माता का नाम आयशा खातून था। दरअसल,मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) का खानदान आधा हिंदुस्तान और आधा पाकिस्तान में रहता है। बंटवारे के बाद मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) के वालिद ने हिंदुस्तान की सरजमी को अपना ठिकाना बनाया। मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) का परिवार शुरू में कोलकाता में रहता था।

Munawwar Rana
मुन्नवर राणा नहीं रहें

पढ़ाई-लिखाई में मन न लगने के कारण मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) को घर से भी निकाला गया। घर से निकाले जाने के बाद मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) को अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के यहां रहने को जगह मिल गई। इसके बाद उनकी दोस्ती शायरों और कवियों से हुई। यही शायर इन्हें कवि सम्मेलनों और मुशायरे में ले जाने लगे।

 

Munawwar Rana
मुन्नवर राणा उर्दू जुबां के बड़े शायर थे

मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। इसी कड़ी में मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) को अमीर खुसरो पुरस्कार, मीर तकी मीर पुरस्कार, गालिब पुरस्कार, डॉ. जाकिर हुसैन पुरस्कार और सरस्वती समाज पुरस्कार सहित अन्य सम्मानों से भी सम्मानित किया गया था।

मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) का विवादों से रहा पुराना नाता

मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) जितने अच्छे शायर थे, उतने ही बड़े आलोचक थे। दिल्ली में हुए किसान आंदोलन में उन्होंने बीजेपी सरकार को आड़े हाथ लिया था। किसान आंदोलन के पक्ष में उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, संसद भवन को खेत बना देना चाहिए।” इसके बाद विवाद बढ़ने पर उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। अपने तीखे बयानों की कड़ी में मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) ने राम मंदिर पर दिए फैसले पर भी उंगली उठाई थी।

Munawwar Rana
मुन्नवर राणा उर्दू जुबां के बड़े शायर थे

मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगाई को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था, कि इस मामले में कहीं न कहीं हिंदुओं का पक्ष लिया गया है। इसी तरह का विवादित बयां उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में दिया था। मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) ने ऐलान करते हुए कहा था- अगर योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से सीएम बनते हैं, तो वो उत्तर प्रदेंश छोड़ देंगे।

Munawwar Rana :
मुन्नवर राणा का विवादों से रहा पुराना नाता

फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के विवादित कार्टून मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) ने जायज ठहराया था। मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) ने कहा आप कनाजा को जन्म देकर लोगों को भड़काया जा रहा हैं। राणा ने कहा मो मजहब मां की तरह होता है, अगर कोई आपकी मां का बुरा कार्टून बनाता हैं या गाली देता हैं, उसका कत्ल करना गुनाह नहीं है।

मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) की कलम को भुला पाना संभव नहीं’  

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर प्रो. वसीम बरेलवी बोले, मुन्नवर राणा (Munawwar Rana) दुनिया से जल्दी चले गए। सामान्य तौर पर गजल इश्किया इजहार के लिए जानी जाती थी। इससे इतर उन्होंने मां व अन्य रिश्तों को भी गजल के माध्यम से प्रस्तुत किया, जोकि यादगार रहेगा। उनकी कलम को भुला पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है।

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Rajesh Mishra
Writer at Hind Manch

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।

आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

By Rajesh Mishra

राजेश मिश्रा

आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं। आप  THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।

2 thoughts on “Munawwar Rana : गजलों में मां को तहजीर देने वाले मुन्नवर राणा नहीं रहें, 71 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस”
  1. […] कौन-सा है भैया? लड़का- मेरे दिमाग में कोई जीपीएस नहीं लगा है, पिंकी- जल्दी सीट Hindi Viral Jokes खाली […]

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