अयोध्या (Ayodhya) के राम मंदिर में रामलला के दर्शन अब सुलभ हो रहे हैं।
राम मंदिर (Ram Mandir) में हर रोज लाखों की संख्या में भक्तअपने आराध्य का दर्शन-पूजन करने आ रहे हैं। अयोध्या (Ayodhya) में देश ही नहीं विदेशों से भी रामभक्त रामलला के दर्शन के लिए जुट रहे हैं। विश्व के कोने-कोने से भक्त केवल अपने प्रभु श्री राम के दर्शन की एक झलक पाने को आतुर हैं। अयोध्या (Ayodhya) में आने वाले भक्तों को न भूख, प्यास लग रही है और न ही थकान की कोई बात नजर आ रही है। “जय श्री राम”, “जय सिया राम” ऊर्जावान उद्गोष के साथ रामभक्तों के पैर रामलला की चौखट की तरफ बढ़ रहे हैं।
राम मंदिर (Ram Mandir) में दर्शन करने वालों की संख्या हर रोज एक नया आंकड़ा पार कर रही है। इसी कड़ी में हर कोई अपने रामलला के लिए कुछ न कुछ उपहार भी ला रहा है। जिसकी जैसी शक्ति वो वैसी भक्ति कर रहा है। कोई हीरे मोती जड़ित मुकुट दान कर रहा है तो कोई अपनी ममता ही आंसुओं की तरह समर्पित कर रहा है। राम मंदिर में रामलला के दर्शन करने आने वाले भक्तों की भावनाओं का बांध मंदिर प्रांगण में आते ही टूट जा रहा है। ऐसे में इसी क्रम में रामलला को गुजरात के एक व्यापारी ने करोड़ों रुपए का मुकुट भेंट किया है। आइए जानते हैं
अयोध्या (Ayodhya) राम मंदिर में जारी है उपहारों का क्रम
दरअसल, गुजरात के सूरत शहर के रहने वाले मुकेश पटेल ने रामलला को पूरे 11 करोड़ रुपए का मुकुट भेंट किया है। सूरत की ग्रीन लैब डायमंड कंपनी के मालिक मुकेश पटेल ने अयोध्या (Ayodhya) में रामलला की प्रतिमा को पहनाने के लिए 11 करोड़ रुपए का मुकुट भेंट किया है। इस मुकुट का कुल वजन 6 किलोग्राम है, जिसमें साढ़े 4 किलोग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है।

इसमें कई हीरे, माणिक, मोती, मोती, नीलम जड़े हुए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, जैसे ही अयोध्या (Ayodhya) के मंदिर में स्थापित होने वाली प्रतिमा फाइनल हुई, कंपनी ने अपने दो कर्मचारियों को विशेष विमान से अयोध्या भेजा। ये कर्मचारी प्रतिमा के सिर का नाप लेकर आए। फिर इस नाप से मुकुट तैयार किया गया। प्राण प्रतिष्ठा के दिन इस मुकुट को मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया गया है।
राम मंदिर में रामलला को पहनाने के लिए मुकुट उत्कृष्ट कृति उच्चतम गुणवत्ता के 350 कैरेट के हीरों, 450 कैरेट के रत्नों और 650 कैरेट के मोतियों से सुसज्जित है। प्रयोगशाला में निर्मित “हरे हीरे” सहित रत्नों की सोर्सिंग, समृद्धि और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, मुकुट में 18 कैरेट से लेकर 5 कैरेट तक के हीरे, रत्न और मोती हैं, जो इस मुकुट को अनूठा और असाधारण बनाते हैं।

बताते चलें लगभग 550 सालों के लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या (Ayodhya) में नव्य-भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ। जिसे लेकर सनातन परंपरा में विश्वास रखने वालों के लिए काफी उत्साह है। लोगों में उत्साह इस कदर देखने को मिल रहा है कि अयोध्या (Ayodhya) में हर रोज लाखों की संख्या में भक्ति पहुंच रहे हैं। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पहले भी रामलला के लिए देश के कोने-कोने से उपहार लाए गए। अब जब प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है तो हर समर्थ व्यक्ति उन्हें कुछ न कुछ भेंट कर रहा है।

विभिन्न राज्यों के लोग लगातार जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मणियां, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटे, ढोल, सुगंध इत्यादि के साथ आ रहे हैं। उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे माँ जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए। रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं।
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।
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