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International Mother Language Dayअंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

International Mother Language Day : भाषा हमारे समाज का आधार होती है।

वह हमें अपने विचारों और भावनाओं को अद्वितीय रूप से व्यक्त करने का माध्यम प्रदान करती है। इसलिए, भाषा का महत्व समझना और उसे समृद्ध करना अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए हर साल 21 फरवरी को “अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस” (International Mother Language Day )मनाया जाता है। इसकी शुरुआत UNESCO की ओर से 17 नवंबर 1999 को की गई थी।  पहली बार साल 2000 में आज के दिन International Mother Language Day मनाया गया था।

यह दिन भाषाओं के महत्व को मानने और समर्थन करने के लिए विशेष रूप से समर्पित है। हर वर्ष, विश्व भर में इस दिन कई उत्सव और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो भाषाओं के महत्व को बढ़ावा देने का काम करते हैं। International Mother Language Day का मुख्य उद्देश्य विभिन्न भाषाओं की सम्मान करना है। हमें यह समझना चाहिए कि हर भाषा और सांस्कृतिक समृद्धि का एक मूल्यांकन है और हर भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमें अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व महसूस करना चाहिए और उसे समृद्धि के माध्यम के रूप में देखना चाहिए।

International Mother Language Day : विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाएं

विश्व में कई सारी मातृभाषाएँ हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों और देशों में बोली जाती हैं। एक निश्चित संख्या को निर्धारित करना मुश्किल है, क्योंकि बहुत सारी भाषाएँ और उनकी उपयोगकर्ताओं की संख्या हमें नहीं पता है। लेकिन कुछ प्रमुख भाषाएँ और उनके अनुमानित उपयोगकर्ताओं की संख्या निम्नलिखित है:

1. इंग्लिश : लगभग 1.5 बिलियन लोग
2. मैंडेरिन: लगभग 1.1 बिलियन लोग
3. हिंदी: लगभग 500 मिलियन लोग
4. स्पेनिश: लगभग 500 मिलियन लोग
5. फ्रेंच: लगभग 270 मिलियन लोग

International Mother Language Day
भाषा हमारे समाज का आधार होती है।

इसके अलावा, अनेक संख्या में और भाषाएँ हैं जो विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में बोली जाती हैं, जिनमें चीनी, बंगाली, अरबी, रूसी, पोलिश, जापानी, उर्दू, और गुजराती शामिल हैं।

International Mother Language Day : भारत में बोली जाने वाली भाषाएं –

भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं, और यहां परिभाषित भाषाओं की संख्या 22 से अधिक है। राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी और अंग्रेजी हैं, जबकि अन्य महत्वपूर्ण भाषाएं भारतीय संविधान द्वारा संरक्षित हैं।

International Mother Language Day : कुछ मुख्य भारतीय भाषाएँ हैं 

हिंदी,अंग्रेज़ी,बंगाली,मराठी,तमिल,तेलुगु,गुजराती कन्नड़,पंजाबी,उड़िया,राजस्थानी,कश्मीरी,असमिया, मलयालम,बोड़ो,संथाली,मैथिली,कोंकणी, नेपाली,गोंयची,सिंधी,मनिपुरी।

ये सभी भाषाएं भारतीय संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और विभिन्न भारतीय राज्यों में बोली जाती हैं। इसके अलावा, कई स्थानीय और आदिवासी भाषाएं भी हैं जो विभिन्न समुदायों द्वारा बोली जाती हैं। कई बार लोगों को अपनी मातृभाषा बोलने में शर्म का अहसास होता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। पहला कारण है सामाजिक दबाव। कुछ लोगों को लगता है कि उनकी मातृभाषा पर उन्हें व्यांग्यिकी, नकारात्मक टिप्पणियाँ, या समाज में कमजोर होने का लेबल लगा सकता है।

International Mother Language Day
भाषा हमारे समाज का आधार होती है।

दूसरा कारण है शिक्षा और काम की संदर्भ में। कई लोगों को लगता है कि उनकी मातृभाषा से दूरी बनाए रखने से उन्हें शिक्षा और पेशेवर अवसरों में अधिक सफलता मिलेगी। तीसरा कारण है भाषा की मान्यता और लोकप्रियता। कुछ लोग उन भाषाओं का अनुकरण करने की कोशिश करते हैं जो सामाजिक या व्यावसायिक संदर्भ में अधिक प्रसिद्ध हैं, और इस प्रकार अपनी मातृभाषा को छोड़ देते हैं।

इन सभी कारणों से, लोगों को अपनी मातृभाषा का प्रयोग करने में हिचकिचाहट महसूस हो सकती है। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व और सम्मान दिखाएं, क्योंकि यह हमारी सांस्कृतिक और व्यक्तिगत पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

International Mother Language Day
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

International Mother Language Day, हम सभी को अपनी मातृभाषा के प्रति आत्मनिर्भरता और समर्थन का वादा करना चाहिए। हमें समय-समय पर अपनी भाषा को बढ़ावा देने और उसे संरक्षित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए। इस प्रकार, हम अपने समाज को मजबूत और संवेदनशील बनाकर विश्व समृद्धि में योगदान कर सकते हैं।

इस International Mother Language Day पर, हम सभी को एक संवेदनशील, समर्पित और संगठित समाज का हिस्सा बनने का संकल्प लेना चाहिए। यह हमारी भाषा और सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध और सुरक्षित रखने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस दिवस को मनाने से, हम अपनी मातृभाषा के प्रति अपना समर्थन प्रकट करते हैं और एक संवेदनशील और समर्पित समाज की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।

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By Maheshwari Yadav

महेश्वरी यादव

आप वाराणसी की रहने वाली हैं। आप महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में पत्रकारिता की छात्रा हैं। आपको खबरें और कहानियां लिखने का शौक है। आप THE HIND MANCH में बतौर कॉपी राइटर के रूप में जुड़ी हैं।

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