राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस आज-जाने ऊर्जा और अपने धन को बचाने के उपाय
ऊर्जा मंत्रालय के अधीन ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) द्वारा हर साल 14 दिसंबर को देश भर में Save Energy Conservation Day के रूप में मनाया जाता है। यह दिन लोगों के बीच ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के महत्व के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन शमन के लिए समग्र विकास के लिए जरुरी समग्र प्रयासों के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
देश में आज ऐसे आयोजित होगा राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस, राष्ट्रपति के हाथों पुरूस्कार की भी होगी घोषणा:-
->इस बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 14 दिसंबर, 2023 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले Save Energy Conservation Day 2023 समारोह में भाग लेंगी। इस अवसर पर राष्ट्रपति उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगी और राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2023, राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवोन्मेषण पुरस्कार 2023 और ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता 2023 के विजेताओं को सम्मानित भी करेंगी। केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। वहीं केंद्रीय विद्युत और भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल और विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल भी इस मौके पर उपस्थित रहेंगे।
जाने ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के बारे में:-
●ऊर्जा दक्षता ब्यूरो एक संवैधानिक निकाय है जो भारत सरकार के अंतर्गत आता है और ऊर्जा उपयोग को कम करने के लिए नीतियों और रणनीतियों के विकास में मदद करता है। भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम को वर्ष 2001 में ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) द्वारा निष्पादित किया गया था।
दिवस को मानने का मुख्य उद्देश्य :-
ऊर्जा के अपव्यय को कम करने, ऊर्जा बचाने और इसके संरक्षण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए ही देश में Save Energy Conservation Day मनाया जाता है।दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग को न्यूनतम करते हुए लोगों को मानवता के सुखद भविष्य के लिए ऊर्जा की बचत के लिए प्रेरित करना ही है।
इन छोटे उपायों से आप ऊर्जा और धन दोनो को बचा सकते है :-
●भवन निर्माण के चारो और वृक्ष लगाए-
भवन निर्माण के समय प्लाट के चारों ओर वृक्ष लगाए जाएं तो प्रचंड गर्मी में भी भवन गर्म होने से बचेंगे और कूलर, एसी इत्यादि की जरूरत कम होगी। मकानों या कार्यालयों में दीवारों पर हल्के रंगों के प्रयोग से कम रोशनी वाले बल्बों से भी कमरे में पर्याप्त रोशनी हो सकती है। इससे न केवल ऊर्जा संरक्षण अभियान में सहभागी बनकर हम भविष्य के लिए ऊर्जा बचाने में मददगार बनेंगे बल्कि अपना बिजली बिल भी सीमित रख सकेंगे।
●सार्वजनिक स्थानों पर सौर लाइटों का करे प्रयोग-
सार्वजनिक स्थानों पर सौर लाइटों की व्यवस्था होनी चाहिए।जिससे ऊर्जा की बचत तो होगी ही साथ ही साथ रिसर्च में यह पाया गया है कि कार्यालयों में कृत्रिम रोशनी वाले स्थानों पर काम करने से कर्मियों में तनाव, सिरदर्द, रक्तचाप, थकान जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखी जाती हैं और उनकी कार्यकुशलता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए ऑफिस में यदि पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी का व्यवस्था हो तो इससे ऊर्जा संरक्षण होने के साथ-साथ कर्मचारियों की कार्यक्षमता भी बढ़ती है।
● जल का दुरूपयोग करने से बचे तो ऊर्जा की भी होगी बचत-
प्रतिवर्ष देश में हजारों गैलन पानी बर्बाद होता है, इसलिए ऊर्जा संरक्षण की बात करते समय जल की बर्बादी को रोकने पर पर्याप्त ध्यान दिया जाना भी बेहद जरूरी है। न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के समक्ष बिजली जैसी ऊर्जा की महत्वपूर्ण जरूरतें पूरी करने के लिए सीमित प्राकृतिक संसाधन हैं, साथ ही पर्यावरण असंतुलन और विस्थापन जैसी गंभीर चुनौतियां भी हैं।
●ऊर्जा को बचाने के लिए यह भी कर सकते है आप-
उपयोग में न होने पर लाइटें और उपकरण बंद कर दें।ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करें।
वाहन चलाने के बजाय पैदल चलें, साइकिल चलाएं या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
कार्बन डाइऑक्साइड को सोखने के लिए पेड़ लगाएं।
ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में दूसरों को शिक्षित करें।
ऊर्जा संरक्षण पर विचारकों के विचार :-
◆”आग ने हमें इंसान बनाया, जीवाश्म ईंधन ने हमें आधुनिक बनाया, लेकिन अब हमें एक नई आग की ज़रूरत है जो हमें सुरक्षित, सुरक्षित, स्वस्थ और टिकाऊ बनाए।” – अमोरी लोविंस
◆”जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता वैश्विक पायरोमेनिया के बराबर है, और हमारे पास उपलब्ध एकमात्र अग्निशामक यंत्र नवीकरणीय ऊर्जा है।” – हरमन शीर
Save Energy Conservation Day पर आज आप ऐसे आयोजित कर सकते है कार्यक्रम :-
■ऊर्जा-बचत प्रथाओं पर जागरूकता अभियान, कार्यशालाएँ और सेमिनार आयोजित करें।
बर्बादी की पहचान करने के लिए घरों, कार्यालयों और उद्योगों में ऊर्जा ऑडिट करें।
ऊर्जा-कुशल उपकरणों, प्रकाश व्यवस्था और नवीकरणीय स्रोतों पर स्विच करने को प्रोत्साहित करें।
संरक्षण पर पेंटिंग, वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी जैसी प्रतियोगिताओं में स्कूलों को शामिल करें।
ऊर्जा खपत को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन, कारपूलिंग और साइकिलिंग को बढ़ावा दें।
ऊर्जा-कुशल नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करें।
संदेश को सोशल मीडिया, ब्लॉग और सामुदायिक आयोजनों के माध्यम से फैलाएं।
ऊर्जा के बारे में यह भी जाने :-
ऊर्जा विभिन्न वस्तुओं में पायी जाती है इसलिए ऊर्जा के विभिन्न स्वरूप हैं :-
●यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy)
●रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy)
●विद्युत ऊर्जा (Electrical Energy)
●नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy)
●ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal Energy) आदि।
ऊर्जा के विभिन्न स्वरूपों को समग्र रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जाता है :-
●गतिज ऊर्जा
●स्थितिज ऊर्जा
गतिज ऊर्जा-किसी वस्तु में उसकी या स्वयं की गति के कारण उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को गतिज ऊर्जा (Kinetic energy) कहते हैं।
●चलती हवा में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
●घूमते पहिए में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
●बहते जल में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
●दौड़ती वाष्प में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
●चलती रेलगाड़ी में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
स्थितिज ऊर्जा-किसी वस्तु में अपनी स्थित के कारण उत्पन्न ऊर्जा को स्थितिज ऊर्जा (Potential energy) कहते हैं।
●घड़ी में लिपटी हुई स्प्रिंग में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
●जमीन से उंचाई पर स्थित जल में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
●ओवरहेड टंकी में दबाई गई गैस में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
●किसी भी ऊंचाई पर रखी वस्तु में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
आज के दिन 14 दिसंबर का इतिहास में महत्व:-
◆1997 में 14 दिसंबर के दिन ही ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में कटौती के लिए विश्व के सभी देश सहमत हुए थे।
◆1921 में 14 दिसंबर के दिन ही एनी बेसेन्ट को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने ‘डॉक्टर ऑफ लेटर्स’ की उपाधि से विभूषित किया था।
◆1924 में आज ही के दिन भारतीय अभिनेता राज कपूर का जन्म हुआ था।
◆1971 में आज ही के दिन परमवीर चक्र सम्मानित भारतीय सैनिक और फ़्लाइंग ऑफ़िसर निर्मलजीत सिंह सेखों का निधन हुआ था।
◆1799 में आज ही के दिन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन (प्रथम) का निधन हुआ था।

Lokendra Singh Tanwar
लोकेन्द्र सिंह तंवर
आप मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा तहसील के रहने वाले हैं। आपने उज्जैन के विक्रम विश्विद्यालय से पत्रकारिता मास कम्युनिकेशन में एम.ए किया है। इससे पूर्व में नईदुनिया अखबार में एक वर्ष इंटरशिप किया है। जागरण,शिप्रा संदेश, दस्तक,अक्षर विश्व, हरिभूमि जैसे अखबारों में ऑथर के रूप में काम किया है। आप लोगो से मिलने ,उनके बारे में जानने, उनका साक्षात्कार करने उनके जीवन की सकारात्मक कहानी लिखने का शोक रखते हैं। साथ ही कुछ प्रोग्राम से जुड़ कर यूथ डेवलपमेंट व कम्यूनिटी डेवलोपमेन्ट पर भी काम कर रहे हैं।
आप The Hind Manch में ऑथर के रूप में जुड़े हैं।