श्री राम मंदिर अयोध्या के पुजारी नियुक्त हुए गाज़ियाबाद के मोहित पांडेय, दूधेश्वर वेद विद्यापीठ के रह चुके हैं पूर्व छात्र
धर्म नगरी अयोध्या में श्री राम मंदिर का भव्य स्वरूप सामने आ चुका है। नए साल की 22 जनवरी को मंदिर के गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दिन का इंतजार पूरे देश में सभी रामभक्तों को है। जिसको लेकर देश के गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण पत्र भी भेजा जा रहा है। मंदिर को भी पूर्ण रूप से तैयार किया जा रहा है। अब इसी कड़ी में मंदिर में पुजारियों और अर्चकों की भी भर्ती प्रक्रिया तेजी के साथ चल रही है। जिसमें अब मंदिर के पुजारी का भी चयन कर लिया गया है। आइए आपको बताते है कि रामलला के दरबार में पुजारी के रूप में किसे चुना गया है :
राम मंदिर में पूजा करने के लिए उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के मोहित पांडेय का चयन किया गया है। मोहित शहर के ही प्राचीन दूधेश्वर नाथ मठ के पूर्व छात्र रह चुके हैं। बताते चलें कि मंदिर में पुजारी के लिए 3000 लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। जिसमें 50 लोगों को शार्ट लिस्ट किया गया। इसके बाद इनमें से मोहित पांडेय को चुना गया है। मंदिर में नियुक्ति से पूर्व उन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद वह मंदिर में बतौर पुजारी नियुक्त किए जाएंगे।
3000 लोगों में हुआ मोहित का चयन
दरअसल, गाज़ियाबाद में स्तिथ दूधेश्वर नाथ मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है। मंदिर परिसर में ही दूधेश्वर वेद विद्यापीठ भी है। जहां छात्रों को वेदों,पुराणों और कर्मकांडों की शिक्षा दी जाती है। विद्यापीठ में पूरे देश भर से विद्यार्थी वेद पुराण की शिक्षा दीक्षा ग्रहण करने आते हैं। वर्तमान समय में 70 विद्यार्थियों की संख्या है, जो वेद-पुराण और कर्मकांडों की शिक्षा ले रही है। इस विद्यापीठ से बीते 23 वर्षों से हजारों की संख्या में छात्र वेदों और कर्मकांडों की शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। इस पीठ के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरी ने बताया कि, भगवान दूधेश्वर की कृपा से मोहित पांडेय का चयन रामलला की सेवा के लिए हुआ है। जिसके लिए पूरे पीठ में प्रसन्नता और उत्साह का माहौल है। पूरे विद्यापीठ परिवार को गर्व है कि मोहित का चयन इस पुण्य कार्य के लिए हुआ है।
तिरुपति से उच्च शिक्षा ली मोहित पांडेय ने,
विद्यापीठ के आचार्य के अनुसार, श्री राममंदिर में पुजारी के रूप में चयनित हुए मोहित मूल रूप से उत्तर प्रदेश की ही सीतापुर जिले के रहने वाले हैं। मोहित ने विद्यापीठ में 7 वर्षों तक सामवेद का अध्ययन किया। इसके बाद मोहित आचार्य की पढ़ाई के लिए वेंकेटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय तिरुपति चले गए । आचार्य की पढ़ाई पूरी होंके बाद वह पीएचडी की भी तैयारी कर रहे हैं। मोहित विद्यापीठ के दूसरे छात्र है जो राममंदिर में पुजारी के रूप में चयनित हुए हैं। इससे पहले ऋषभ शर्मा भी मंदिर में अपनी सेवा दे रहे हैं जो इसी विद्यापीठ के छात्र हैं। ऋषभ भी योग्य और कर्मकांडों के ज्ञानी हैं।
पुजारी बनने के लिए क्या है योग्यता,
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, श्री राम मंदिर में पुजारी बनने के लिए आवेदक की आयु 20-30 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसी के साथ आवेदक को 6 माह की श्री रामनन्दनीय शिक्षा और गुरुकुल पद्धति से शिक्षा ली जानी आवश्यक है। पढ़ाई के दौरान चयनित आवेदकों के रहने-खाने की भी व्यवस्था मंदिर ट्रस्ट की तरफ से की जाएगी।
क्या मिलता है वेतन,
श्री राम मंदिर ट्रस्ट में रामलला की सेवा के लिए अच्छा वेतन दिया जाता है। ट्रस्ट ने वेतन वृद्धि भी की है। दरअसल, ट्रस्ट की तरफ से मई माह में सबसे पहले मुख्य पुजारी को 25000 रुपए और सहायक पुजारी को 20000 रुपए वेतन के रूप में देना निश्चित हुआ था। जिसे बढ़ाकर अक्टूबर में मुख्य पुजारी का वेतन 32,900 और सहायक पुजारी का 31000 रुपए कर दिया गया था।

Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।
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