अयोध्या में रामोत्सव को लेकर तैयारियां मूर्त रूप ले रही हैं।
राम मंदिर (Ram Mandir) में प्रभु श्री राम के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा की जाने वाली है। जिसे लेकर मंदिर ट्रस्ट और राज्य सरकार ने अपने-अपने स्तर पर तैयारियां और तेज कर दी है। अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। हर गली, हर चौक चौराहे को राममय किया जा रहा है। अयोध्या शहर में प्रमुख चौराहों पर रामायण से जुड़े पात्रों की मूर्तियां और प्रतीकों को लगाया जा रहा है। रामनगरी अयोध्या में जन-जन की भागीदारी तेजी से हो रही है। राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण में हिंदुओं के अलावा अन्य धर्म सम्प्रदाय के लोग भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
राम मंदिर (Ram Mandir) में तन-मन-धन से लोग अपनी हिस्सेदारी तय कर रहे हैं। इसी कड़ी में मिली खबर के अनुसार, बाबा विश्वनाथ की नगरी से गंगा-जमुनी की मिसाल पेश की गई है। दरअसल, नव्य-भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) दरबार के लिए पूर्वांचल के काशी प्रांत से अब्दुल और अब्दुल्ला ने भी अपना आर्थिक सहयोग किया है। काशी से ये एक उदाहरण नहीं हैं, अब्दुल और अब्दुल्ला जैसे कई हजारों की संख्या में मुस्लिम भाइयों ने पतित पावनी मां गंगा को साक्षी मानकर प्रभु श्री राम के अद्भुत मंदिर के संकल्प की सिद्धि की है।
राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण में दिखी गंगा जमुनी तहजीब
धर्म और संस्कृति की नगरी कही जाने वाली काशी में राम मंदिर (Ram Mandir) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुस्लिम समाज भी समर्पण निधि का हिस्सा बन गया। आरएसएस द्वारा प्रदेश के हर जिले में समर्पण निधि अभियान चलाया था, जिसके तहत करीब चार हजार से ज्यादा मुस्लिम बंधुओं ने अपनी क्षमता अनुसार मंदिर निर्माण में दान कर सहयोग किया था।

आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे हैं दिव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सहयोग करने वाले मुस्लिम भाइयों को आमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है। बताते चलें कि काशी प्रांत के चार हजार से ज्यादा मुस्लिम समाज के लोगों ने मंदिर ट्रस्ट को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए लाखों रुपए का दान दिया है। आरएसएस के अनुसार, काशी प्रांत के 27 जिलों में निधि समर्पण अभियान में मुस्लिम समाज के लोगों ने भारी मात्रा में अपनी हिस्सेदारी दर्ज करवाई थी। मंदिर ट्रस्ट को करीब दो करोड़ रुपए की धनराशि मुस्लिम समाज की तरफ से सहयोग के रूप में हुआ था।
राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण में मुस्लिम समाज आया आगे
इसी कड़ी में वाराणसी की रहने वाली इकरा अनवर ने महामंडलेश्वर जितेंद्रानंद सरस्वती से भेंट कर मंदिर निर्माण कोष में सहयोग राशि के रूप में 11 हजार रुपए का दान दिया था। सहयोग राशि देने के बाद उन्होंने अपने हाथ पर जय श्री राम का नाम भी गुदवाया है। सहयोग राशि देने के बाद इकरा के लिए महामंडलेश्वर जितेंद्रानंद ने कहा कि इकरा ने अपने समाज के कई लोगों को सहयोग राशि देने के लिए प्रेरित करके समाज में भाईचारा और सौहार्द को बढ़ावा देने का प्रयास है।

वहीं जौनपुर के रहने वाले डॉ. अब्दुल कादिर ने राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण कोष में एक लाख 11 हजार रुपए की सहयोग राशि दी है। बताते चलें कि डॉ. अब्दुल मोहम्मद हसन पीजी कॉलेज के प्राचार्य हैं। डॉ. अब्दुल ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण होना देश के लिए गौरव की बात है। राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण के लिए सहयोग करने के जरिये कोशिश है कि हम सब एक दूसरे की पूजा पद्धति, संस्कृति, तौर-तरीकों का सम्मान करना चाहिए। हम सभी एक समाज में रहते हैं और एक दूसरे के सुख दुःख में शामिल भी होते हैं। तो फिर मंदिर-मस्जिद में भेद भाव क्यों करना।

काशी प्रांत के 27 जिलों में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग निधि समर्पण अभियान में भागीदार बने। मुस्लिम समाज के लोग सार्वजनिक मंचों तक बेहिचक समर्पण राशि देने पहुंचे। चार हजार से ज्यादा मुस्लिम समाज के लोगों ने सहयोग राशि प्रदान की है। – रमेश, प्रांत प्रचारक, काशी प्रांत
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Rajesh Mishra
राजेश मिश्रा
आप उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। आपने राजकीय पॉलीटेक्निक, लखनऊ से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। आप ऐतिहासिक जगहों पर घूमना और उनके बारे में जानने और लिखने का शौक रखते हैं।
आप THE HIND MANCH में लेखक के रूप में जुड़े हैं।
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